Colorectal Cancer: Detailed information on risk factors for colorectal cancer

कोलोरेक्टल कैंसर (आंत और मलाशय का कैंसर) के जोखिम कारकों को समझना इसके बचाव और उपचार के लिए महत्वपूर्ण है। यह कैंसर बड़ी आंत या मलाशय में असामान्य कोशिकाओं के अनियंत्रित विकास के कारण होता है। यहां कुछ मुख्य जोखिम कारकों का विवरण दिया गया है:

1. उम्र

कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है। 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। हालांकि, अब यह कम उम्र के लोगों में भी बढ़ रहा है, इसलिए सावधानी आवश्यक है।

2. आनुवांशिक या पारिवारिक इतिहास

यदि आपके परिवार में किसी को कोलोरेक्टल कैंसर, पोलिप्स, या अन्य पाचन तंत्र से संबंधित कैंसर हुआ है, तो आपके लिए यह जोखिम बढ़ सकता है। कुछ आनुवंशिक स्थितियाँ, जैसे फैमिलियल एडेनोमेटस पॉलीपोसिस (FAP) और लिंच सिंड्रोम, भी कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ाती हैं।

3. भोजन और आहार

आहार में उच्च मात्रा में वसा, विशेष रूप से रेड मीट (लाल मांस) और प्रोसेस्ड मीट (प्रसंस्कृत मांस) का अधिक सेवन कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। दूसरी ओर, फाइबर, फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक होता है।

4. शारीरिक गतिविधि की कमी

शारीरिक गतिविधि का न होना एक और महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। निष्क्रिय जीवनशैली वाले लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा अधिक होता है। नियमित व्यायाम शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है और कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।

5. मोटापा

अधिक वजन या मोटापा भी इस कैंसर का एक प्रमुख जोखिम कारक है। मोटापे के कारण शरीर में सूजन की प्रवृत्ति बढ़ जाती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

6. धूम्रपान और शराब का सेवन

धूम्रपान करने वाले और अत्यधिक शराब का सेवन करने वालों में कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। तम्बाकू में मौजूद हानिकारक रसायन आंतों की कोशिकाओं को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।

7. मधुमेह

टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा अधिक होता है। यह कैंसर और मधुमेह दोनों ही इंसुलिन रेसिस्टेंस से जुड़े होते हैं, जो शरीर में कोशिकाओं के असामान्य विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

8. सूजन संबंधी आंत विकार (Inflammatory Bowel Disease – IBD)

यदि किसी को अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन डिजीज जैसी पुरानी सूजन वाली आंत विकार होती है, तो उन्हें कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम अधिक होता है। लंबे समय तक आंतों में सूजन रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

9. लंबे समय तक बैठे रहना

लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से आंतों की गतिशीलता प्रभावित हो सकती है और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। दिन में नियमित रूप से छोटे-छोटे ब्रेक लेने और चलने-फिरने से इस जोखिम को कम किया जा सकता है।

10. पोलिप्स का होना

आंतों में पाई जाने वाली कुछ प्रकार की कोशिकाएं, जैसे एडेनोमैटस पोलिप्स (adenomatous polyps), कैंसर बनने की क्षमता रखती हैं। इन्हें समय पर हटाने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।

इन जोखिम कारकों को समझकर कोलोरेक्टल कैंसर की संभावना को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवाना बहुत महत्वपूर्ण है।

Scroll to Top